Seminar Workshop

जैतहरी महाविद्यालय में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी संपन्न 

अनूपपुर// "हरिशंकर परसाई की रचनाओं में यथार्थ की अभिव्यक्ति- विविध संदर्भ " विषय पर शासकीय महाविद्यालय जैतहरी में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी  का आयोजन 16 एवं 17 दिसंबर को हिन्दी विभाग के तत्वधान में किया गया। यह संगोष्ठी विश्व बैंक उच्च गुणवत्ता परियोजना अंतर्गत प्रायोजित थी। इस शोध संगोष्ठी में देशभर से विषय विशेषज्ञ व विद्वानों ने हरिशंकर परसाई की रचनाओं को पढ़ा। संगोष्ठी का उद्घाटन  मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया । उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि नगर परिषद जैतहरी की अध्यक्ष श्रीमती नवरत्नी शुक्ला, विशिष्ट अतिथि श्री रविन्द्र राठौर उपाध्यक्ष नगर परिषद जैतहरी  विषय प्रवर्तक अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष  प्रो.दिनेश कुशवाह एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता  महाविद्यालय  के प्राचार्य डॉ.आर.एस वाटे के द्वारा किया गया।  प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.परमानन्द तिवारी पूर्व प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय बिरसिंहपुर पाली, विशिष्ट वक्ता डॉ.कमलिनी पाणिग्राही शासकीय महाविद्यालय कटक उड़ीसा थे। इस सत्र में 5 पेपर पढ़े गए। द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.एन.पी. प्रजापति शासकीय अग्रणी महाविद्यालय बैढ़न जिला सिंगरौली  एवं विशिष्ट वक्ता डॉ. रत्नेश कुमार सहायक आचार्य हिन्दी अकबरपुर महाविद्यालय अकबरपुर कानपुर देहात (उ.प्र) थे। इस सत्र में 4 शोधार्थियों ने पेपर पढ़े। इसके पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। द्वितीय दिवस में तृतीय तकनीकी सत्र आयोजित हुआ जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रो.दिनेश कुशवाह विभागाध्यक्ष हिंदी  अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा एवं विशिष्ट वक्ता डॉ. धीरेंद्र नाथ चौबे वरिष्ठ सहायक आचार्य हिंदी विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी (उ.प्र.) थे। इस सत्र में 3 पेपर पढ़े गए। इसके पश्चात चतुर्थ तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. परमानंद तिवारी एवं विशिष्ट वक्ता डॉ. कमलिनी पाणिग्राही रहीं। इस सत्र में 4 पेपर पढ़े गए। सभी विषय विशेषज्ञों ने परसाई पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में ख़ुद कहा करते थे कि व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार कराता है, जीवन की आलोचना करता है, विसंगतियों, अत्याचारों, मिथ्याचारों और पाखंडों का पर्दाफाश करता है एवं सभी शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र के वाचन में परसाई जी की रचनाओं  के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला है। इसके पश्चात दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का समापन समारोह आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. जे. के. संत प्राचार्य शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. श्याम, खण्ड चिकित्सा अधिकारी जैतहरी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ.अर्जुन सिंह रहे । संगोष्ठी का रिपोर्ट सह संयोजक प्रो. राधेश्याम सोलंकी एवं आभार संयोजक डॉ. जितेन्द्र सिंह धुर्वे द्वारा किया गया । दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के मंच संचालन का कार्य सह सचिव कु. संगीता उइके एवं श्री बृजेश द्विवेदी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी तथा विद्यार्थियों सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित रहे।